शुबमन गिल की कप्तानी: ‘प्रतिक्रियात्मक’ या ‘सक्रिय’? – पहले टेस्ट पर डेविड लॉयड की टिप्पणी

शुबमन गिल की कप्तानी: ‘प्रतिक्रियात्मक’ या ‘सक्रिय’

शुबमन गिल की कप्तानी: ‘प्रतिक्रियात्मकयासक्रिय’? – पहले टेस्ट पर डेविड लॉयड की टिप्पणी

शुबमन गिल की कप्तानी समीक्षा

भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद भारत के नए टेस्ट कप्तान शुबमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठने लगे हैं। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने गिल की कप्तानी कोप्रतिक्रियात्मकबताया, किसक्रिय यह टिप्पणी क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गई है।

मैच का परिदृश्य

IND vs ENG 1st Test Eng Win

भारत ने इंग्लैंड के सामने चौथी पारी में 371 रनों का लक्ष्य रखा था। हालांकि, इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन डकेट की शानदार शतकीय पारी ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारत के गेंदबाज अंतिम दिन दबाव नहीं बना सके और इंग्लैंड ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया।

डेविड लॉयड की आलोचना

डेविड लॉयड ने ‘Stick to Cricket’ शो में कहा, “गिल एक युवा कप्तान हैं, लेकिन उनकी रणनीति में अनुभव की कमी दिखी। वह मैदान पर प्रतिक्रियात्मक निर्णय ले रहे थे, जबकि एक कप्तान को परिस्थितियों से पहले सोचना चाहिए।लॉयड ने यह भी कहा कि गिल के पास रवींद्र जडेजा और करुण नायर जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन फिर भी टीम में स्पष्ट नेतृत्व की कमी दिखी।

कप्तानी में भ्रम?

पूर्व भारतीय स्पिनर मुरली कार्तिक ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “मैदान पर एक समय ऐसा लग रहा था जैसे कई लोग कप्तानी कर रहे हों। केएल राहुल, ऋषभ पंत और खुद गिलसभी अलगअलग इशारे कर रहे थे। इससे खिलाड़ियों में भ्रम की स्थिति बन गई।कार्तिक ने यह भी जोड़ा कि कप्तानी में स्पष्टता और एकता बेहद जरूरी होती है, खासकर जब टीम दबाव में हो।

आलस्टेयर कुक की राय

पूर्व इंग्लैंड कप्तान आलस्टेयर कुक ने गिल का बचाव करते हुए कहा कि हर नए कप्तान को एक समायोजन काल से गुजरना पड़ता है। उन्होंने बेन स्टोक्स का उदाहरण देते हुए कहा, “जब स्टोक्स कप्तान बने थे, तब भी टीम को उनकी शैली को अपनाने में समय लगा था। गिल के साथ भी यही हो सकता है।

क्या यह गिल के लिए सीखने का मौका है?

शुबमन गिल की कप्तानी की यह शुरुआत भले ही निराशाजनक रही हो, लेकिन यह उनके लिए एक सीखने का अवसर भी है। कप्तानी केवल रणनीति नहीं, बल्कि नेतृत्व, आत्मविश्वास और टीम के साथ संवाद की कला भी है। गिल को यह समझना होगा कि मैदान पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी उन्हीं की है और उन्हें अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों से सलाह जरूर लेनी चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय स्पष्ट और निर्णायक होना चाहिए।

निष्कर्ष

शुबमन गिल एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं और अब उन्हें एक कुशल कप्तान के रूप में भी खुद को साबित करना है। डेविड लॉयड की आलोचना कठोर हो सकती है, लेकिन उसमें सच्चाई भी है। गिल को अपनी कप्तानी शैली में सक्रियता लानी होगी और मैदान पर नेतृत्व की स्पष्टता दिखानी होगी। यह सीरीज उनके लिए एक परीक्षा हैऔर शायद एक अवसर भी, खुद को एक सफल टेस्ट कप्तान के रूप में स्थापित करने का।